Saturday 11 September 2021

 

विदेश में शिक्षा और  पलायन

वैदिक काल में शिक्षा प्राप्ति के लिए विद्यार्थी गुरुकुल जाते थे. आजकल के विद्यार्थी विदेश जाते है. बचपन से मेरा सपना था की एक बार मुझे भी विदेश जाने का अवसर मिले. १२वी तक की पढाई मैंने अपने नेटिव सिटी प्रयागराज में की फिर ग्रेजुएशन के लिए पंतनगर (नैनीताल के पास) गई. वहाँ का अनुभव मुझे जीवन भर स्मरण रहेगा. वो मेरे जीवन के ३ वर्ष एक तरह से स्वर्णिम वर्ष है. पंतनगर में कई तरह के कोर्सेज के बारे में पता चला और ये भी की विदेश जाने के लिए कई तरह की कम्पटीशन देने होते है. कुछ विद्यार्थी विदेश जाने के कम्पटीशन की तैयारी कर भी रहे थे. आगे की पढाई (मास्टर्स) के लिए मुझे मुंबई आना हुआ. पहली बार महानगर का जीवन देखा- चारो तरफ लोग ही लोग , लोकल ट्रेन्स, बसेस, से रोज की यात्रा, कॉलेज जाना. ये २ वर्ष भी अच्छे से बीते और यहाँ पर काफी कुछ सीखने को मिला. पर मन में हमेशा आगे कुछ करने की ललक थी और समाज के प्रति अपने कर्त्तव्य का अहसास हुआ. इसलिए स्ट्रीट चिल्ड्रन के साथ काम किया.

करीब १२ वर्ष काम करने के बाद प्रभु ने मेरी इच्छा पूर्ण की और ऐसा काम दिया जहा पर मुझे दुनिया भर के लोगो के साथ काम करने का मौका मिला. जनवरी २०१३ में पहली विदेश यात्रा के लिए लॉस एंजिलेस, अमेरिका जाने का मौका मिला. उसके बाद हर वर्ष में २ बार विदेश जाने का मौका मिला और अब तक २२-२५ देश की यात्रा कर चुकी हूँ. काफी कुछ सीखने को मिला. इसके लिए मैं ईश्वर, माता पिता, पति, बेटी, परिवार के हर सदस्य , गुरुजन  और मित्रों का धन्यवाद करती हूँ.

मैंने जितनी भी विदेश यात्रा की , मेरे मन में हमेशा अपने देश के लिए प्यार रहा, कभी भी मैंने विदेश में जाकर रहने का , बसने का, मन नहीं बनाया,जबकि कई अवसर मिले. कई मित्र और परिवार के लोग विदेश जाकर पढ़े, और बस गए. यहाँ तक की वहां की नागरिकता भी ले ली, अब विदेश में बसने के बाद उनको अपने देश - भारत में कई कमियाँ दिखतीं है और वो सोशल मीडिया पर कुछ न कुछ लिखते रहते है. ये कैसा न्याय है ? मेरी तो कई बार बहस भी हो जाती है. क्योकि मुझे अपने देश पर गर्व है और कोई कुछ भारत के खिलाफ बोले, लिखे तो मुझे बहुत ख़राब लगता है. मैंने हमेशा प्रयास किया ऐसे लोगोँ की सोच को बदलने की और आगे भी करती रहूंगी ......................

जय हिन्द !!!🙏


4 comments:

  1. प्रेरणादायी जीवन वृतांत!!
    काश! देश का हर नागरिक इसी तरह सोचे और देश की उन्नति और विकास में अपने स्तर पर पूर्ण सहयोग करे! 🙏🙏

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद !!

      Delete
  2. बहुत अच्छा लिखी हो और भाग्यशाली हो की तुम्हें इतनी विदेश यात्राएँ करने का सौभाग्य मिला । लेकिन मेरा सुझाव यह है कि किसी की राय बदलने की कोशिश व्यर्थ है हाँ अपने तर्कों से उसे समझाओ । वैसे कुछ लोगों को बदल नहीं जा सकता जैसे - G……

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत धन्यवाद !!

      Delete